डीएम से सीएम से लगाई गुहार, फिर भी नहीं हुई कार्रवाई
-मड़पा गांव में कोटेदार की मनमानी के खिलाफ ग्रामीण लड़ रहा लड़ाई
-नहीं कटा मृतकों का राशन कार्ड
देवकली (गाजीपुर) : अपात्र व्यक्तियों का राशन कार्ड सरकार द्वारा निरस्त करने का अभियान जारी है, लेकिन कोटेदारों की मनमानी व विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते यह अभियान सफल होता दिखाई नहीं पड़ रहा है। मड़पा गांव में कोटेदार की मनमानी व धांधली के खिलाफ ग्रामीण द्वारा जिला डीएम से लगायत मुख्यमंत्री तक गुहार लगाने के बावजूद धांधली पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से कोटेदार द्वारा कई अपात्रों समेत अपने परिवार के सदस्यों का राशन कार्ड बनाकर गरीबों के हक पर डाका डाला जा रहा है।
मड़पा गांव में बहुत से पात्र व्यक्तियों का राशन कार्ड अब तक नहीं बन सका है जिससे वे खाद्यान्न समेत अन्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। राशन कार्ड धारकों को भी मानक के अनुरूप पूरा राशन नहीं दिया जाता है। उनके द्वारा कई बार आवेदन किया गया लेकिन अब तक उनका राशन कार्ड नहीं बन सका। मड़पा गांव मड़पा गांव के बरगांव मौजा निवासी शमशाद अहमद उर्फ रिक्की राशन कार्डों की जांच कराने के लिए वर्ष 2021 से लगायत अब तक लगातार प्रार्थनात्र दिया जा रहा है लेकिन अब तक कोटेदार की मनमानी जारी है। बीते 20 को आपूर्ति निरीक्षक सतीश कन्नौजिया मड़पा गांव में जांच करने पहुंचे तो उन्होंने कोटेदार घर पर पहुंचकर कोटेदार द्वारा बुलाए गए लोगों से बातचीत कर उन्होंने जांच का कोरम पूरा कर दिया। शिकायकर्ता शमशाद अहमद का आरोप है कि कोटेदार ने अपने लोगों को बुलाकर पक्ष में बयान करवाया जिससे जांच का कोई मतलब नहीं निकलता है। इस संबंध में आपूर्ति निरीक्षक ने बताया कि जांच कर रिपोर्ट एसडीएम के यहां भेज दी गई है। एसडीएम के यहां से रिपोर्ट जिले पर चली गई है, फाइल वापस आने पर कार्रवाई का पता चलेगा।
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एसडीएम बोले, मेरे सामने नहीं आई फाइल : आपूर्ति निरीक्षक की बातों को एसडीएम ने नकार दिया है। एसडीएम ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि मेरे सामने मड़पा गांव के काेटेदार के जांच की कोई फाइल नहीं आई है। फाइल सामने आने पर अवलोकन कर आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी। इधर आपूर्ति निरीक्षक से दोबारा बात करने पर कहा कि एसडीएम साहब के संज्ञान में है, उन्होंनें डीएसओ से बात भी की है।
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मृतकों के नामों से चल रहा राशन कार्ड : शिकायत कर्ता शमशाद का आरोप है कि हमारे गांव के जलील, धनेश्वर, बालचंद आदि की मृत्यु महीनों पहले हो चुकी है लेकिन अब तक इनका राशन कार्ड चल रहा है। कोटेदार द्वारा मृतकों का नाम कटवाया भी नहीं जाता है और उनके नाम का राशन उठान भी होता है। इसके अलावा कोटेदार ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम से राशन कार्ड बनवाकर उसमें अन्य लोगों का नाम जोड़ा था, शिकायत के बाद परिवार के सदस्यों का राशन कार्ड उन्होंने निरस्त करा दिया है।