(जमानियां)गाजीपुर। जम्मू-कश्मीर में तैनात 12वीं यूनिट महार रेजिमेंट के मृत जवान हवलदार गणेश पाल (40) का पार्थिव शरीर लेकर बुधवार को सेना के जवान उसके पैतृक गांव डेवढ़ी पहुंचे। शव पर नजर पड़ते ही एक तरफ जहां परिवार के लोग बिलखने लगे। वहीं जवान के अंतिम दर्शन के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। सेना के जवानों, प्रशासनिक अधिकारियों सहित अन्य लोगों ने नम आंखों से जवान को अंतिम विदाई दी। बलुआ घाट पर अंतिम संस्कार कया गया।
मालूम हो कि जमानिया क्षेत्र के डेवढ़ी गांव निवासी हवलदार गणेश पाल जम्मू-कश्मीर के नौशेरा में तैनात थे। ड्यूटी के बाद सोने के दौरान बीते सोमवार को वह मृत मिले थे। इसकी सूचना मिलते ही घर में जहां कोहराम मच गया था, वहीं गांववासी शोक में डूब गए थे। परिजनों सहित हर कोई गांव के लाल के अंतिम दर्शन के लिए शव आने की राह निहार रहा था। इसी क्रम में बुधवार सेना के जवान पार्थिव शरीर लेकर जवान के गांव पहुंचे। शव आते ही मातमी फिजां में परिजनों के रोने की आवाज गुंजने लगी।
गांव के लाल के अंतिम दर्शन के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। शव को लेकर आए सेना के जवान 12वीं यूनिट महार रेजिमेंट के नायब सूबेदार सुशील कुमार गौतम, 39 जीटीसी के नायब सूबेदार प्रदीप पाल, हवलादार उमेश सिंह यादव, मंजीत सिंह के साथ ही तहसीलदार लालजी विश्वकर्मा, विधायक प्रतिनिधि मन्नू सिंह, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि संतोष कुशवाहा, प्रधान प्रतिनिधि संजय सिंह, पूर्व प्रधान विकास सिंह, बबलू सिंह सहित अन्य गणमान्य लोगों ने गांववासियों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर नम आंखों से जवान को अंतिम विदाई दी। इसके बार भारत माता की जय, जब तक सूरज-चांद रहेगा, गणेश पाल तेरा नाम रहेगा आदि गगनभेदी नारों के साथ सैकड़ों लोगों के बीच जवान की शव यात्रा प्रारंभ होते हुए नगर में स्थित बलुआ गंगा घाट पर पहुंची। सेना के जवानों ने पूरे सम्मान एवं गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी। मुखाग्नि बड़े पुत्र बिट्टू ने दी। 12 वीं यूनिट महार रेजिमेंट के नायब सूबेदार सुशील कुमार गौतम ने बताया कि रविवार को ड्यूटी के बाद खाना खाकर जवान हवलदार गणेश पाल रात 12 बजे सोने चले गए। सोमवार की सुबह 5 बजे जगाया गया तो वह मृत पाये गये। इनकी मृत्यु हृदय गति रूकने से हुई