गाजीपुर। गिरीश चंद्र यादव मा0 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) खेल, युवा कल्याण उत्तर प्रदेश ने राइफल क्लब सभागार में जनता दर्शन पर पहुचकर जनपद के दूर दराज से आये फरियादियो की समस्याओ को सुना तथा मौके पर निस्तारण भी किया गया। शेष शिकायतो के निस्तारण हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। राज्यमंत्री ने कहा कि दबंगो एंव भू-माफियाओ पर कठोर कार्यवाही की जाये तथा तालाबो पर हुए अतिक्रमण को चिन्हित करते हुए उसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाये। उन्होने निर्देश दिया कि कोई भी फरियादी न्याय से वंचित न रहे यही शासन की मंशा है इसलिए अधिकारी अपने-अपने कार्यालयो पर आये फरियादियो की समस्याओ को सुनने के बाद ही क्षेत्र भ्रमण पर निकले जिससे आने वाले फरियादियों को मायूस होकर लौटना न पड़े। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि शासन के निर्देशानुसार समस्त कार्यालयाघ्यक्ष अपने-अपने कार्यालयो पर सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक मौजूद रह कर जनपद के दूर दराज से आये हुए फरियादियों की समस्याओ/शिकायतो को सुनकर उनका गुणदोष के आधार पर निस्तारण करेगे। कोई भी अधिकारी निर्धारित समयान्तराल में क्षेत्र भ्रमण नही करेगे जिससे आने वाले फरियादियों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े । अति आवश्यक कार्य होने पर ही अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारी को जनता दर्शन के कार्य मे बैठाकर ही क्षेत्र के कार्याे का निरीक्षण/भ्रमण करेगे। इस अवसर पर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह, मुख्य विकास अधिकारी श्रीप्रकाश गुप्ता, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राजधारी चौरसिया, जिलाध्यक्ष भाजपा भानू प्रताप सिंह के साथ अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। मीडिया से बातचीत में 1 दिन पूर्व समाजवादी पार्टी के द्वारा अपने सभी फ्रंटल को भंग कर दिए जाने पर मंत्री गिरीश चंद यादव ने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश यादव के पास और कुछ बचा ही नहीं है तो इसके अलावा और क्या कर सकते हैं। कन्नौज और बदायूं साफ हो गया, बचा हुआ आजमगढ़ था वह भी साफ हो गया। इसलिए अब उनके पास फ्रंटल को भंग करने और बहाल करने के अलावा कोई कार्य नहीं बचा है। 2017 में उन्हें जनता ने नकार दिया 2019 में भी नकार दिया। इसके बाद 2022 और अब उपचुनाव में भी नकार दिया। उनका जनता से अब कोई लेना-देना नहीं रहा है क्योंकि अगर वह जनता के बीच में जाते तो उन्हें जनता नकारती नहीं। उनका अपना क्षेत्र कन्नौज और बदायूं जिसे उनका किला माना जाता था, 2019 में 16 दल मिलकर एक महागठबंधन हुआ था, ममता दीदी और मायावती से भी गठबंधन हुआ था, फिर भी वहां की जनता ने उन्हें नकार दिया। राज्यमंत्री ने बिना अखिलेश का नाम लिए कटाक्ष करते हुए कहा कि जो बड़े बुजुर्गों की बात नहीं मानता, ऐसे लोगों का हश्र यही होता है। उनको इसी तरह के परिणाम भुगतने होते हैं वही परिणाम हुआ भुगत रहे हैं।