गाजीपुर--जनपद के बाराचवर गांव के शिवमंदिर पर अयोध्या से पधारे शिवराम दास ऊर्फ फलाहारी बाबा ने शुक्रवार की शाम को राम कथा सुनाते हुए कहा की बहुत बड़ा एक जंगल है जिसमें जीव भटक जाता है तो मंजिल दूर हो जाती है संसार रूपी जंगल में पड़ जाने पर संशय चित्र भ्रमित हो जाता है। बुद्धि दो प्रकार की होती है निर्मल और मलिन बुद्धि भगवानपुर्ण बुद्धि निर्मल होती है अभिमान पूर्ण बुद्धि मलिन होती है जहां मन बुद्धि चित्त और अहंकार काम करना बंद कर देते हैं वहां से परमात्मा की शुरुआत होती है भगवान को भक्त मानकर जानता है और ज्ञानी जानकर मानता है। जैसे स्विच ऑफ होते ही बल्ब बुझ जाता है लेकिन पंखा चलता ही रहता है कुछ चलने के बाद वह भी बंद होता है। भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है कि संसद युक्त जीव का विनाश हो जाता है किसी भी चीज का निर्णय लेने के पहले विवेकपूर्ण विचारों का सम्मेलन करने के उपरांत ही निर्णय लेना चाहिए ईश्वर परीक्षा का नहीं परतीति का विषय है संत ग्रंथ और भगवंत की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए सती राम का परीक्षा लेने गई तो जल के मरना पड़ा भगवान गीता में कहते हैं।
प्रतिकुलानि परेषां न समाचरेत्।
जो आपको अच्छा नहीं लगता वह सामने वाले को भी अच्छा नहीं लगता है ऐसा विचार करके ही सामने वाले से व्यवहार करना चाहिए। सती ने अपने जीवन में नौ गलती किया तब भगवान भोलेनाथ ने सती का त्याग किया एक दो बार की गलती परमात्मा क्षमा कर देता है लेकिन यदि जीव का गलती करना स्वभाव बन जाता है तो चाह कर भी परमात्मा क्षमा नहीं कर पाता है दंड देने पर विवश हो जाता है। वैसे तो गलती करना नहीं चाहिए परंतु यदि गलती बस गलती हो जाए तो समाज के सामने प्रकट कर देने से दूसरी गलती करने से जीव बच जाता है। गलती का पश्चाताप होना ही प्रायश्चित है बशर्ते शर्त यह है कि आगे गलती करने से बचा जाय।