झलकारी बाई : अंग्रेजों को चकमा देकर झांसी की रानी को बचाने वाली झलकारी बाई का इतिहास, आखिर क्यों नहीं मिली इतिहास में जगह


देश के लिए जान देने वाली महान वीरांगनाओं में एक महान नाम ऐसा भी है जिसका बलिदान कभी नहीं भुलाया जा सकता है। एक ऐसा नाम जिन्होंने अंग्रेजों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया। आपने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बारे में तो खूब सुना होगा, लेकिन उन्हें अपनी अंतिम सांस तक अंग्रेजों से बचाने वाली झलकारी बाई के बारे में शायद ही इतना सुना हो, जितना की झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बारे में सुना है। आज झलकारी बाई की 92वीं जयंती है। झलकारी बाई एक ऐसी वीरांगना का नाम है, जिनका चेहरा हुबहू झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से मिलता था और इसका फायदा उठाकर उन्होंने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को अंग्रेजों की आंखों में धूल झोंककर बचाया था। तो आइए जानते हैं ऐसी महान वीरांगना झलकारी बाई के बारे में...

लक्ष्मीबाई देखकर हो गईं थीं चकित (Lakshmibai was surprised to see) -

देश और झांसी के लिए अमर बलिदान देने वाली झलकारी बाई का जन्म 22 नवंबर 1830 को झांसी के भोजला गाँव में एक निर्धन कोली परिवार में हुआ था। झलकारी बाई के पिता सदोवर सिंह सैनिक थे, उन्होंने झलकारी बाई को एक सैनिक की तरह भाला, तलवार और घुड़सवारी सहित तमाम वह चीजें सीखें जो एक सैनिक के लिए आवश्यक होती हैं। झलकारी बाई का विवाह झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के एक सैनिक पूरन कोरी के साथ हुआ था। जब एक बार गाँव की अन्य महिलाओं के साथ झलकारी बाई भी महारानी को सम्मान देने किले में गयीं, तो वहाँ रानी लक्ष्मीबाई उन्हें देखकर चकित रह गईं, क्योंकि झलकारी बाई बिल्कुल रानी लक्ष्मीबाई की तरह दिखतीं थीं। 

दुर्गा सेना की बनीं सेनापति (Durga became the commander of the army) -

झलकारी बाई के साहस को देखते हुए झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने झलकारी बाई को दुर्गा सेना में शामिल हो गईं। झलकारी बाई को घुड़सवारी, तलवारबाजी पहले से आती थी, क्योंकि उनके पिता ने उन्हें यह पहले ही सीखा दिया था। झलकारी बाई ने दुर्गा सेना के साथ जुड़कर तोप चलाना, बंदूक चलाना सहित कई हथियारों का प्रशिक्षण प्राप्त किया। बाद में झलकारी बाई अपने साहसिक कार्यों की वजह से दुर्गा सेना की सेनापति भी नियुक्त की गई। जहां झलकारी बाई ने कई बार झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के साथ मिलकर अंग्रेजों से लोहा लिया। 

जब अंग्रेजों ने घेर लिया था पूरा किला (When the British surrounded the entire fort) -

झलकारी बाई ने लक्ष्मीबाई के साथ मिलकर अंग्रेजों का कई बात डटकर सामना किया। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के साथ मिलकर कई बार झलकारी बाई ने अंग्रेजों के मंसूबों को विफल किया था। एक बार अंग्रेजों ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के किले को चारो ओर से घेर लिया था। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के लिए किले से बाहर निकलना बेहद आवश्यक था, लेकिन जब तक अंग्रेज बाहर थे तब तक वो किले से बाहर नहीं निकल सकती थीं। तब लक्ष्मीबाई की तरह दिखने वाली झलकारी बाई झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के कपड़े पहनकर हुबहू उनकी तरह तैयार होकर अंग्रेजों से युद्ध करने पहुंच गईं और इस दौरान अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वहीं इसका फायदा उठाते हुए झांसी की रानी लक्ष्मीबाई किले से बाहर निकलने में कामयाब हो गईं। 

देवर ने किया था खुलासा (brother-in-law had revealed) -

जब अंग्रेजों ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की तरह दिखने वाली झलकारी बाई को गिरफ्तार कर लिया, तो अंग्रेज काफी खुश थे। लेकिन जब इस बात की खबर लक्ष्मीबाई के देवर को लगी कि लक्ष्मीबाई को अंग्रेजों ने पकड़ लिया है, तो उसने इस बात का बिलकुल भी यकीन नहीं किया। झांसी की रानी का देवर अंग्रेजों के साथ मिला हुआ था। उसने कारागार में जाकर अंग्रेजों से कहा कि लक्ष्मीबाई को मैं जानता हूं वो अपनी जान दे देगी परंतु कभी गिरफ्तार नहीं होगी। इसके बाद लक्ष्मीबाई के देवर ने कहा कि आपने जिसको लक्ष्मीबाई समझकर गिरफ्तार किया है, उसे मेरे सामने लेकर आओ। जब झलकारी बाई को लक्ष्मीबाई के देवर के सामने लाया गया तो वह पहचान गया कि ये लक्ष्मीबाई नहीं बल्कि झलकाई बाई है। इसके बाद अंग्रेजों ने झलकारी बाई को तोप में भरकर मृत्यु दे दी। और इस तरह अपना अमर बलिदान देकर झलकारी बाई सदा के लिए अमर हो गई। 

हर खबर की अपडेट सबसे पहले प्राप्त करें - 

आपके काम की हर महत्वपूर्ण खबर और अपडेट उपलब्ध है हमारे इस वेबसाइट पर। चाहे हो रोजगार से जुड़ी खबर या हो योजनाओं संबंधी जानकारी हर अपडेट और हर खबर आपको मिलेगी हमारे इस वेबसाइट पर। अगर आप चाहते हैं कि जब भी हम कोई खबर प्रकाशित करें तो आपको उसका नोटिफिकेशन मिले तो आप हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं जिसका लिंक इस पोस्ट के नीचे हरे रंग की पट्टी में दिया गया है। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं और हर अपडेट का नोटिफिकेशन सबसे तेज और पहले प्राप्त कर सकते हैं। हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आपको हर खबर का नोटिफिकेशन सबसे तेज मिल जाता है और आपसे आपके काम की कोई भी महत्वपूर्ण खबर नहीं छूटती है।
Previous Post Next Post

फास्टर अप्डेट्स के लिए जुड़िये हमारे टेलीग्राम चैनल से - यहाँ क्लिक करिये
CLOSE ADVERTISEMENT